हरक सिंह रावत के सुपुत्र का निजी आयुर्वेदिक कॉलेज पिछले कई माह से सभी नियम कानून एवं माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों को ताक पर रखते हुए प्रदेश की समस्त कानूनी व्यवस्था का माजक उड़ा रहा था एवं विद्यार्थियों के भविष्य को गर्थ में धकेलने की कोशिश कर रहा था जिसपर आज 6 नवंबर 2020 को मा. उच्च न्यायालय नैनीताल ने विद्यार्थियों के समर्थन में आदेश देते हुए हरक के महाविद्यालय को फटकार लगाई एवं विद्यार्थियों को बची हुई मुख्य परीक्षा में सम्मिलित करने के आदेश दिए।
मामला – 31 जनवरी 2020 को अपिलिप्रधिकरण द्वारा एक आदेश जारी कर के BAMS के छात्रों का शुल्क 80,000 से बढ़ाकर 2,15,000 कर दी गई जिसके विरुद्ध विद्यार्थियों ने मा. उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की। 27 फरवरी 2020 को मा. उच्च न्यायालय ने अपीली प्राधिकरण के आदेशों को आसंवेधनिक ठहराते हुए stay कर दिया परन्तु हरक के महाविद्यालय ने इन आदेशों को ताक पे रखते हुए विद्यार्थियों से बढ़ा हुआ शुल्क वसूलता रहा एवं जिन छात्रों ने इसका विरोध किया उनको पूरक एवं मुख्य परीक्षा से रोकने की धमकी देने लगा जिसके विरुद्ध 22 जुलाई 2020 को मा. उच्च न्यायालय ने विद्यार्थियों को 50,000 शुल्क जमा करने का आदेश दिया एवं कॉलेज प्रशासन से विद्यार्थियों को पूरक एवं मुख्य परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया। परन्तु एक बार फिर हरक के महाविद्यालय ने मा. उच्च न्यायालय के आदेशों की खिल्ली उड़ाते हुए विद्यार्थियों को पूरक परीक्षा में बैठने से रोक दिया। जिसके विरुद्ध एक बार फिर मा. उच्च न्यायालय ने 15 अक्टूबर 2020 को यूनिवर्सिटी एवं हरक के महाविद्यालय को फटकार लगाते हुए विद्यार्थियों को पूरक एवं मुख्य परीक्षा में शामिल होने के आदेश दिए ।परन्तु हरक के महाविद्यालय पर जू ने रेंगी एवं विद्यार्थियों की 28 अक्टूबर 2020 से शुरू हुई मुख्य परीक्षा में बैठने से फिर रोक दिया गया। जिसके विरुद्ध एक बार फिर आज 6 नवंबर 2020 को मा. उच्च न्यायालय ने पुन विद्यार्थियों की बची हुई मुख्य परीक्षा में बैठाने के आदेश किए हैं।