देशभर में शनिवार को 5 सितंबर को बड़े हर्षोल्लास के साथ शिक्षक दिवस मनाया गया, शिक्षकों को उसके सम्बोधन में उसे भगवान तक का दर्जा देना ना चूके और ना जाने किन-किन नामों से उसे सम्बोधित किया गया तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली विश्वविद्यालय का शैक्षिक सत्र प्रारंभ हुए 26 दिन बीत चुके हैं लेकिन तीन कॉलेजों में नियुक्ति के नाम पर शिक्षकों के साथ जातीय भेदभाव के मामले सामने आये है।इन कॉलेजों में दौलतराम कॉलेज ने मनोविज्ञान विभाग की एडहॉक शिक्षिका, दयालसिंह कॉलेज (सांध्य ) के अंग्रेजी विभाग में दो एडहॉक शिक्षक व गार्गी कॉलेज के इतिहास विभाग में एक एडहॉक टीचर्स को उन्हें आज तक ज्वाइनिंग नहीं कराया गया है।उनके लिए शिक्षक दिवस पर भले ही सम्मान किया जा रहा हो पर उनके सामने तो रोजगार की मार उन पर पड़ी है।आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन ने इन कॉलेजों के प्रिंसिपलों पर शिक्षकों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है।
आम आदमी पार्टी के शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने इन कॉलेजों के प्रिंसिपलों पर एडहॉक शिक्षकों के साथ जातिगत भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब सभी कॉलेजों ने 5 दिसम्बर 2019 के एमएचआरडी के सर्कुलर का पालन करते हुए अपने यहां सभी एडहॉक टीचर्स को ज्वाइनिंग करा लिया है तो दौलतराम कॉलेज, दयालसिंह कॉलेज ( सांध्य ) व गार्गी कॉलेज ने इन दलित एडहॉक टीचर्स को आज तक ज्वाइनिंग क्यों नहीं कराया। जबकि 5 दिसम्बर के सर्कुलर में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जब तक स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती किसी भी शिक्षक को नहीं निकाला जाएगा।उन्होंने दौलतराम कॉलेज की प्रिंसिपल पर किसी राजनैतिक संगठन के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है।
प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि इसी तरह से जातिगत भेदभाव का मामला दयालसिंह कॉलेज ( सांध्य ) का है यहां पर भी अंग्रेजी विभाग में दलित शिक्षकों को ज्वाइनिंग नहीं दी है।उन्होंने कॉलेज प्रिंसिपल से जब बात की तो उनका कहना था कि–एडहॉक शिक्षकों की फाइल कॉलेज के चेयरमैन के पास हस्ताक्षर के लिए गई है जैसे ही वह हस्ताक्षर कर देंगे दोनों ही दलित शिक्षकों को एडहॉक लगा लेंगे।उनका यह भी कहना था कि हमें तो ऐसे योग्य शिक्षकों की आवश्यकता है और मै चाहता हूं कि उनकी जल्द ज्वाइनिंग हो।इसी तरह से गार्गी कॉलेज में पढ़ा रहे एक दलित एडहॉक टीचर्स का वर्कलोड कम करके उसकी पोस्ट दूसरे विभाग को दे दी गई।उसे भी अभी तक ज्वाइनिंग नहीं दी।इस संदर्भ में कॉलेज गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन से बात की गई है।उनका कहना था कि वे कॉलेज प्रिंसिपल से वर्कलोड व किस आधार पर इन्हें ज्वाइनिंग नहीं दी पता करेंगे।
प्रोफेसर सुमन का कहना है कि तीनों कॉलेजों के दलित एडहॉक टीचर्स के मामले को लेकर उन्होंने एक विशेष याचिका नेशनल एससी, एसटी कमीशन ,अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याणार्थ संसदीय समिति में दायर की है।साथ ही इस संदर्भ में दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक वाइस चांसलर से भी तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है और कहा है कि 5 दिसम्बर 2019 के सर्कुलर को सख्ती से लागू कराते हुए तीनों कॉलेजों में दलित टीचर्स को जल्द से जल्द ज्वाइनिंग कराया जाए।उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी ज्वाइनिंग नहीं होगी तो डीटीए अपनी मीटिंग कर विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध मोर्चा खोलेगा।
– हंसराज सुमन
प्रभारी-दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( आप ,शिक्षक संगठन )