नई दिल्ली। हाथ के तीन महत्वपूर्ण भाग होते हैं। इनमें अंगुलियां, हथेली और हथेली का पिछला हिस्सा आते हैं। हथेली में लगभग सभी पर्वत और रेखाएं होती हैं। चार अंगुलियां और 1 अंगूठा हथेली के अगले भाग अर्थात् अंगुलियों में गिने जाते हैं।
लंबी अंगुलिया कलात्मकता और मस्तिष्कीय कार्य से जुड़े लोगों को दर्शाती है। अंगुली का सबसे उूपर का पोर लंबा होने से बौद्धिकता का प्रतिशत बढ़ा हुआ रहता है। ऐसे लोग बैठकर कार्य करने और स्वयं में मगन रहने वाले होते हैं। छोटी टीम का नेतृत्व भी कर सकते हैं लेकिन अधिक संख्या में लोगों को सम्हाल पाना इनके लिए कठिन होता है।
अंगूठे का पहला पोर मस्तिष्क के सबल होने का संकेतक है। ऐसे लोग संकल्पवान और अडिग होते हैं। संघर्ष में भी किसी से कम ही समझौता करते हैं। अंगुलियों का मध्य भाग तर्कशीलता और भौतिक गतिविधियों पर जोर देने वाला होता है।लंबे मध्य भाग्य वाले व्यवहार कुशल और अच्छे मित्र होते हैं।
सबसे निचला पोर भरा हुआ और होने पर अच्छे स्वास्थ्य का संकेतक है। ऐसे लोग जीवन को पूरे उत्साह से जीते हैं।महत्वपूर्ण कार्याें में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
लंबी अंगुलियों वाले जातकों को सामाजिक प्रतिष्ठा और यश मान प्राप्त होता है। ऐसे लोग दार्शनिक होते हैं।औरों की तुलना में समाज और व्यक्ति को लेकर इनका नजरिया अधिक प्रभावशाली होता है। ये अच्छे सलाहकार होते हैं। महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित करते हैं।