नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न विभागों में खाली पड़े सहायक प्रोफेसरों के 262 पदों की नियुक्ति के लिए 15 विषयों की स्क्रीनिंग कर वेबसाइट पर सार्वजनिक कर डाल दी गई है। बाकी बचे विषयों की सूची भी जल्द जारी कर दी जाएगी।इन पदों का विज्ञापन गत वर्ष जुलाई 2019 में आया था।सूत्रों का कहना है कि जुलाई/अगस्त माह में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।इसे लेकर विभागों में पढ़ा रहे एडहॉक शिक्षकों में खुशी का माहौल है तो वहीं दूसरी ओर कॉलेजों में पढ़ा रहे लगभग पांच हजार एडहॉक शिक्षकों की स्क्रीनिंग करने के साथ वेबसाइट पर डाल साक्षात्कार की तिथि घोषित की जाए ताकि विभागों और कॉलेजों की नियुक्ति एक साथ की जा सके।
फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन व दिल्ली यूनिवर्सिटी की एकेडेमिक काउंसिल के पूर्व सदस्य प्रोफ़ेसर हंसराज ‘सुमन’ ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न विभागों में सहायक प्रोफेसरों के रिक्त पड़े पदों का विज्ञापन संख्या –278 दिनांक–2 जुलाई 2019 में जारी हुआ था।विज्ञापन के अनुसार सहायक प्रोफ़ेसर के 262 पदों में ,सामान्य–98 ,एससी–36 ,एसटी–21 ,ओबीसी–69 ,पीडब्ल्यूडी–08 , ईडब्ल्यूएस–30 पद है। हाल ही में 15 विभागों की स्क्रीनिंग लिस्ट जारी की जा चुकी है।ऐसी संभावना जताई जा रही है कि लॉक डाउन खुलते ही इन विभागों में जुलाई/अगस्त माह में नियुक्ति प्रारंभ हो जाएगी।उनका कहना है कि यह इसलिए किया जा रहा है कि कहीं विज्ञापनों की समय सीमा पिछली बार की तरह रदद् ना हो जाये इसलिए विभागों में नियुक्ति शुरू कराई जाए।
प्रोफ़ेसर सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिन 15 विषयों की स्क्रीनिंग लिस्ट जारी की उनमें– म्यूजिक, लिंग्विस्टिक ,पर्सियन, सोशलॉजी, इकनॉमिक्स ,बॉयोमेडिकल रिसर्च ,बॉटनी, कम्प्यूटर साइंस ,
ऑपरेशनल रिसर्च, एंथ्रोपोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक साइंस, बायोफिजिक्स, माइक्रोबायोलॉजी ,बायोकेमिस्ट्री, जियोलॉजी आदि पदों की स्क्रीनिंग लिस्ट जारी कर वेबसाइट पर डाल दी गई है। उनका कहना है कि बाकी बचे हुए विषयों की स्क्रीनिंग का कार्य जोरों पर चल रहा है। उन्होंने बताया है कि विभागों के बाद कॉलेजों में होने वाली लगभग 5000 शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी स्क्रीनिंग लिस्ट जारी की जाएगी।विश्वविद्यालय का मानना है कि विभागों में सहायक प्रोफेसरों के कम पद है ,उन पदों पर नियुक्ति ना होने से रिसर्च पर प्रभाव पड़ रहा है।एम फिल/पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को शोध निदेशक की दिक्कतें आ रही है इसलिए विभागों में स्थायी नियुक्ति जरूरी है।
प्रोफ़ेसर सुमन ने बताया कि विभागों में आवेदन करने वाले उम्मीदवार अब सीधे विभाग/विश्वविद्यालय से सूचना प्राप्त कर सकते हैं स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा जो पॉइंट निर्धारित किए गए हैं वही अंतिम माने जाएंगे। अब अंतिम सूचना उम्मीदवार अपने विभाग से प्राप्त कर सकेंगे।उनका कहना है कि विभागों के साथ-साथ कॉलेजों में होने वाली सहयक प्रोफेसर की नियुक्ति संबंधी स्क्रीनिंग को वेबसाइट पर डाल दिया जाना चाहिए ताकि वहां पर भी गवर्निंग बॉडी बनने के बाद नियुक्तियों का प्रॉसेस शुरू हो सके।
प्रोफ़ेसर सुमन ने बताया है कि कॉलेजों से हर महीने शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं ,उनके स्थान पर कुछ कॉलेज एडहॉक पोस्ट को गेस्ट टीचर्स में तब्दील कर रहे है।
इसी तरह से कॉलेजों में सेकेंड ट्रांच के पदों को नहीं भरा गया है।विभागों व कॉलेजों में स्क्रीनिंग चल रही है।कुछ विषय बचे हैं उनका काम लॉक डाउन के बाद पूरा हो जाएगा। उनका कहना है कि डीयू के विभागों में लगभग 40 से 50 प्रतिशत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद खाली पड़े हैं।उनका यह भी कहना है कि जिन कॉलेजों में परमानेंट प्रिंसिपल व गवर्निंग बॉडी नहीं है उनमें पहले गवर्निंग बॉडी बनवाना जरूरी है तभी नियुक्ति की जा सकती है।